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ट्रंप का 'ब्लैकलिस्ट': 12 देशों पर क्यों लगा अमेरिका में एंट्री बैन?


डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में 12 देशों के नागरिकों पर अमेरिका में पूरी तरह से यात्रा प्रतिबंध (full travel ban) लगाया है, और 7 अन्य देशों पर आंशिक प्रतिबंध (partial restrictions) लगाए हैं। यह प्रतिबंध 9 जून, 2025 से लागू होगा।

किन देशों पर लगा है पूरा प्रतिबंध?

पूरा प्रतिबंध जिन 12 देशों पर लगा है, वे हैं:

  1. अफगानिस्तान (Afghanistan)
  2. म्यांमार (Myanmar)
  3. चाड (Chad)
  4. कांगो गणराज्य (Republic of the Congo)
  5. भूमध्यरेखीय गिनी (Equatorial Guinea)
  6. इरिट्रिया (Eritrea)
  7. हैती (Haiti)
  8. ईरान (Iran)
  9. लीबिया (Libya)
  10. सोमालिया (Somalia)
  11. सूडान (Sudan)
  12. यमन (Yemen)

इन देशों के नागरिकों के लिए, स्थायी प्रवासी वीज़ा (immigrant visas) और अस्थायी वीज़ा (non-immigrant visas जैसे पर्यटन और छात्र वीज़ा) पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।

किन देशों पर लगा है आंशिक प्रतिबंध?

7 अन्य देशों पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है, जिसका अर्थ है कि उनके नागरिकों को कुछ प्रकार के वीज़ा प्राप्त करने में दिक्कतें आएंगी, जैसे स्थायी प्रवास, छात्र और पर्यटन वीज़ा। ये देश हैं:

  1. बुरुंडी (Burundi)
  2. क्यूबा (Cuba)
  3. लाओस (Laos)
  4. सिएरा लियोन (Sierra Leone)
  5. टोगो (Togo)
  6. तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan)
  7. वेनेजुएला (Venezuela)

प्रतिबंध के पीछे के कारण:

ट्रंप प्रशासन ने इन प्रतिबंधों के पीछे कई कारण बताए हैं, जिनमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया गया है। प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  • अपर्याप्त जांच और सत्यापन क्षमता (Lack of Document Security and Screening Capabilities): कुछ देशों को पासपोर्ट जारी करने या विदेश यात्रा करने वाले अपने नागरिकों की ठीक से जांच करने में अक्षम बताया गया है। इस श्रेणी में अफगानिस्तान, लीबिया, इरिट्रिया, सोमालिया, सूडान, यमन जैसे देश शामिल हैं।
  • वीज़ा की अवधि से अधिक समय तक रुकने की उच्च दरें (High Visa Overstay Rates): कई देशों के नागरिकों के अमेरिका में अपने वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बाद भी अधिक समय तक रुकने की उच्च दरें पाई गई हैं। इसमें म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, भूमध्यरेखीय गिनी, हैती, बुरुंडी, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो और तुर्कमेनिस्तान शामिल हैं।
  • आतंकवाद या राज्य-प्रायोजित आतंकवाद से संबंध (Links to Terrorism or State-Sponsored Terror): कुछ देशों पर आतंकवाद में शामिल होने या उसे समर्थन देने का आरोप लगाया गया है।26 इसमें ईरान, अफगानिस्तान, सोमालिया, लीबिया, क्यूबा और सूडान जैसे देश शामिल हैं।
  • आव्रजन कानूनों का उल्लंघन (Disregard for US Immigration Laws): कुछ देशों को अमेरिकी आव्रजन कानूनों की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया है।27 उदाहरण के लिए, चाड और इरिट्रिया को उनके उच्च वीज़ा ओवरस्टे दरों के लिए विशेष रूप से उल्लेख किया गया है।
  • नागरिकों को वापस लेने में सहयोग की कमी (Lack of Cooperation in Accepting Nationals Back): कुछ देशों पर आरोप है कि वे अपने ऐसे नागरिकों को वापस लेने में सहयोग नहीं करते हैं जिन्हें अमेरिका से बाहर निकाला जाना है।

हालिया घटनाक्रम और पृष्ठभूमि:

ट्रंप ने इस नए प्रतिबंध को हाल ही में बोल्डर, कोलोराडो में हुए एक हमले से भी जोड़ा है, जिसमें एक मिस्र के नागरिक को शामिल बताया गया है, जो ओवरस्टे वीज़ा पर अमेरिका में था। हालांकि, मिस्र इस प्रतिबंध सूची में शामिल नहीं है।

यह ध्यान देने योग्य है कि यह ट्रंप का पहला यात्रा प्रतिबंध नहीं है। उनके पहले कार्यकाल (2017) में भी उन्होंने सात मुस्लिम-बहुल देशों (ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन) पर यात्रा प्रतिबंध लगाया था, जिसे "मुस्लिम बैन" के नाम से जाना गया। इस प्रतिबंध को कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा और अंततः 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे कुछ संशोधनों के साथ बरकरार रखा गया था। जो बिडेन ने अपने कार्यकाल में इस प्रतिबंध को रद्द कर दिया था, लेकिन अब ट्रंप ने इसे फिर से लागू और विस्तारित किया है।

इन प्रतिबंधों की कई मानवाधिकार संगठनों और आव्रजन अधिवक्ताओं द्वारा आलोचना की गई है, जो इसे भेदभावपूर्ण और परिवारों को अलग करने वाला मानते हैं।

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