कब हुआ? यह दुखद घटना गुरुवार, 12 जून 2025 को दोपहर 1:39 बजे (भारतीय मानक समय) के आसपास हुई। एयर इंडिया की उड़ान AI-171 ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी।
कैसे हुआ? विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद (लगभग 30 से 59 सेकंड के भीतर) दुर्घटनाग्रस्त हो गया। फ्लाइट ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म Flightradar24 के आंकड़ों के अनुसार, उड़ान AI171 ने केवल 625 फीट की कम ऊंचाई पर ही सिग्नल खो दिया था। विमान ने 'मेडे' कॉल भी किया था, जो आपात स्थिति का संकेत देता है, लेकिन उसके बाद हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) से उसका संपर्क टूट गया। सीसीटीवी फुटेज में भी विमान को उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मेडिकल कॉलेज में दुर्घटनाग्रस्त होते हुए दिखाया गया है। यह विमान एयरपोर्ट की बाउंड्री के पास कस्टम कार्गो ऑफिस के पास दोपहर 1.40 बजे क्रैश हुआ।
कहाँ हुआ? विमान अहमदाबाद के मेघाणीनगर इलाके में स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास ब्लॉक में जा गिरा। यह एक घनी आबादी वाला आवासीय क्षेत्र है। विमान सीधे हॉस्टल की बिल्डिंग और मेस में जा गिरा, जिससे भारी आग लग गई और कई लोगों की मौत हो गई।
क्या हो सकती है वजह? दुर्घटना की सटीक वजह जानने के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा विस्तृत जांच की जा रही है। हालांकि, कुछ संभावित कारण और सिद्धांत सामने आ रहे हैं:
- इंजन फेलियर (Engine Failure): यह एक प्रमुख संभावित कारण माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, विमान में दो इंजन होते हैं और अगर एक इंजन फेल होता है तो भी दूसरा इंजन काम करता है। लेकिन कुछ पायलटों का मानना है कि दोनों इंजनों में एक साथ खराबी (dual engine failure) आ सकती है, जिसकी वजह ईंधन का दूषित होना (fuel contamination) या बर्ड हिट (bird hit) हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि पायलट ने 'थ्रस्ट न मिलने' की बात कही थी, जिससे इंजन फेलियर का संकेत मिलता है।
- कॉन्फ़िगरेशन एरर (Configuration Error): यह भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है। टेकऑफ के दौरान पायलट से छोटी सी तकनीकी या ऑपरेशन से जुड़ी गलती कॉन्फ़िगरेशन एरर कहलाती है। इसमें फ्लैप्स की गलत सेटिंग, कम थ्रस्ट, समय से पहले टेकऑफ (रोटेशन), या लैंडिंग गियर न उठाना जैसी गलतियां शामिल होती हैं। ये सभी चीजें विमान के उठने और ऊंचाई पकड़ने की क्षमता पर असर डालती हैं, जिससे विमान स्टॉल (stall) कर सकता है या नियंत्रण खो सकता है।
- बर्ड हिट (Bird Hit): इस बात की भी संभावना है कि उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान किसी पक्षी या पक्षियों के झुंड से टकरा गया हो, जिससे इंजनों को गंभीर नुकसान हुआ हो।
- तकनीकी खराबी (Technical Glitch): बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक विमान है, लेकिन किसी भी विमान में तकनीकी खराबी आ सकती है। जांच में यह भी देखा जाएगा कि विमान में पहले से कोई तकनीकी खामी थी या नहीं।
- पायलट की लापरवाही/त्रुटि (Pilot Error): मानवीय त्रुटि भी दुर्घटनाओं का एक कारण होती है। जांच में पायलटों के कार्यों और निर्णयों की भी समीक्षा की जाएगी।
- उच्च तापमान (High Temperature): कुछ विशेषज्ञों ने 43°C की गर्मी को भी एक कारक बताया है, जिससे पायलट की गलती और भी भारी पड़ सकती है।
हादसे का प्रभाव:
- मृत्यु: नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 230 यात्री और 11 चालक दल शामिल थे। केवल एक ब्रिटिश नागरिक, विश्वास कुमार रमेश, जो सीट 11A पर थे, जीवित बचे। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेज के छात्रावास और मेस में विमान गिरने से कम से कम 28 लोगों की मौके पर मौत हो गई और लगभग 60 लोग घायल हुए। कुल पुष्टि की गई मौतों की संख्या लगभग 269 है।
- प्रमुख हताहतों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे।
- क्षति: विमान पूरी तरह से नष्ट हो गया और जिस मेडिकल कॉलेज में वह गिरा, उसे भी भारी नुकसान हुआ।
- जांच: एयर इंडिया और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के साथ-साथ बोइंग की तकनीकी टीम भी जांच में शामिल है।
- मुआवजा: एयर इंडिया के मालिक टाटा समूह ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये (लगभग $120,000 USD) का मुआवजा देने की घोषणा की है।
- यह दुर्घटना भारत के विमानन इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक है, और इसकी गहन जांच जारी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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